आज भारत वर्ष में बुद्धा पूर्णिमा मनाई जा रही, बुद्धा ने आपकी जिंदगी को सकारात्मकता से जीने के लिए उपदेश दिए हैं जिन्हे आपको अपनी जिंदगी में उतारना चाहिए।
हमेशा सबसे अधिक खुश वही व्यक्ति रहता है जो बहुत थोड़े में ही खुश रहता हैं इसलिए आप हमेशा खुश रहें आपके पास जितना धन हो उसमे।
आपको हमेशा एक जंगली जानवर से ज्यादा आपको एक कपटी और दुष्ट मित्र से डरना चाहिए जानवर केवल आपके शरीर को नुक्सान पंहुचा सकता हैं लेकिन एक दुष्ट मित्र आपके दिमागी संतुलन को बिगाड़ सकता हैं।
अगर आप हमेश खुश रहना चाहते हो तो ये बातें हमेशा ध्यान रखो- अतीत पर शोक मत करो, भविष्य की चिंता मत करो, जबकि आपको वर्त्तमान को खुशी के साथ जीना चाहिए।
क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है।
ज्ञान ध्यान से पैदा होता है और ध्यान के बिना ज्ञान खो जाता है इसलिए ज्ञान की प्राप्ति ओर हानि के इस दोहरे मार्ग को जानकर व्यक्ति को इस तरह साधना चाहिए कि ज्ञान में वृद्धि हो।
हर दिन एक नया दिन होता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितना मुश्किल था हर दिन का एक नया सवेरा एक नई उम्मीद लेकर पैदा होता है।
अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं करते जो आपके पास है, तो फिर आपको खुशी कभी नहीं मिलेगी।
एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक रोशन किया जा सकता है फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती, ठीक उसी प्रकार खुशियां बांटने से बढ़ती है न कि कम होती है।
मनुष्य कितना ही गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई हमेशा काली होती है इसलिए यह अहंकार मत कीजिए कि सिर्फ में ही श्रेष्ठ हूं।
जो व्यक्ति सिर्फ बोलता रहता है वह ज्ञानी नहीं कहलाता बल्कि जो व्यक्ति शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है वास्तव में वही ज्ञानी है।