मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है।
Created By : Manish
मजदूर दिवस को हर साल 1 मई को मनाया जाता है।
पहली बार मजदूर दिवस 1889 में मनाया गया था।
मजदूर दिवस को शुरू करने वाले आंदोलन में मजदूरों ने अपने हकों के लिए सड़क पर उतरने का निर्णय लिया था।
मजदूरों की लचीली ताकत को समझने के बाद यह आंदोलन विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बन गया। आज मजदूर दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है और इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहते हैं।
मजदूर दिवस प्रत्येक श्रमिक के उद्यम को सम्मानित करता है जो अपने मेहनत और समर्पण से समाज को आगे बढ़ाते हैं।
यह एक ऐसा दिन है जब हम उन सभी श्रमिकों को सम्मानित करते हैं जो हमारी समाज में दृढ़ता से काम करते हैं।
श्रमिक दिवस एक अवसर होता है जब हम यह समझते हैं कि हमारी आर्थिक व्यवस्था श्रमिकों के बलिदान और समर्पण के बिना संभव नहीं हो सकती।
श्रमिक दिवस हमें एक संदेश देता है कि हमें अपने श्रम के लिए सम्मान मिलना चाहिए और हमें एक स्वस्थ और समर्पित समाज बनाने के लिए श्रमिकों के लिए समान अधिकार होने चाहिए।
श्रमिक दिवस एक अवसर होता है जब हम समझते हैं कि हमारी समाज में श्रमिकों का बलिदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
श्रमिक दिवस एक अवसर होता है जब हम समझते हैं कि हमारी समाज में श्रमिकों का बलिदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हर बार मजदूर दिवस की एक थीम होती है, जिसके आधार पर इन दिन को मनाया जाता है। इस वर्ष मजदूर दिवस 2023 की थीम 'सकारात्मक सुरक्षा और हेल्थ कल्चर के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करना।
हर बार मजदूर दिवस की एक थीम होती है, जिसके आधार पर इन दिन को मनाया जाता है। इस वर्ष मजदूर दिवस 2023 की थीम 'सकारात्मक सुरक्षा और हेल्थ कल्चर के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करना।
भारत में भी मजदूर अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। मजदूरों का नेतृत्व वामपंथी कर रहे थे। उनके आंदोलन को देखते हुए 1 मई 1923 में पहली बार चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया।