विकास यादव: अमेरिका द्वारा वांछित पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी की कहानी (Vikash Yadav: The Story of a Former Indian Intelligence Officer Wanted by America)

परिचय (Introduction)

हाल ही में, अमेरिका ने विकास यादव (Vikash Yadav), एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी, के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उन पर खालिस्तानी अलगाववादी नेता, गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun), की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इस लेख में हम विकास यादव के बारे में विस्तार से जानेंगे, अमेरिकी आरोपों की पृष्ठभूमि को समझेंगे, और इस मामले का भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण करेंगे।

विकास यादव कौन हैं? (Who is Vikash Yadav?)

विकास यादव: अमेरिका द्वारा वांछित पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी की कहानी (Vikash Yadav: The Story Of A Former Indian Intelligence Officer Wanted By America)
विकास यादव: अमेरिका द्वारा वांछित पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी की कहानी (Vikash Yadav: The Story Of A Former Indian Intelligence Officer Wanted By America) Sarkari Result By Careers Ready

विकास यादव, जो कि 39 वर्ष के हैं, भारत के नागरिक और निवासी हैं। उन्हें भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में एक वरिष्ठ क्षेत्र अधिकारी (Senior Field Officer) के रूप में काम करने के लिए जाना जाता है। वह भारतीय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में सहायक कमांडेंट (Assistant Commandant) के पद पर भी कार्यरत रहे हैं।

यादव को “अमनत” (Amanat) के नाम से भी जाना जाता है और उन पर आरोप है कि उन्होंने खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए अपने सहयोगी निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) को निर्देशित किया था। इस योजना के अंतर्गत पन्नू की हत्या को अमेरिका की धरती पर अंजाम देने की कोशिश की गई थी।

अमेरिकी आरोप (US Charges)

अमेरिकी न्याय विभाग (Department of Justice) ने 17 अक्टूबर, 2024 को यादव के खिलाफ एक अभियोग जारी किया, जिसमें उन पर भाड़े पर हत्या (Murder-for-hire) और धन शोधन (Money Laundering) के आरोप लगाए गए। यादव ने अपने सह-साजिशकर्ता गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क स्थित घर का पता, फोन नंबर, और उनके दैनिक जीवन की जानकारी प्रदान की।

अभियोग के अनुसार, यादव ने गुप्ता को पन्नू की हत्या करने के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर की राशि देने की योजना बनाई थी, जिसमें गुप्ता ने पहले चरण में 15,000 डॉलर की अग्रिम राशि भी दी थी। यह रकम एक गुप्त पुलिस अधिकारी को दी गई थी, जो इस मामले में गुप्त सूचनाकर्ता के रूप में काम कर रहा था।

भारत की प्रतिक्रिया (India’s Response)

भारत सरकार ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि विकास यादव अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, रणधीर जायसवाल, ने बताया कि यादव पहले भारतीय सरकारी कर्मचारी थे, लेकिन अब उनकी स्थिति बदल चुकी है। भारत ने इस मामले की अपनी जांच शुरू की है और यह स्पष्ट किया है कि उसकी किसी भी एजेंसी ने पन्नू की हत्या करने के लिए कोई भी आदेश नहीं दिया था।

साजिश का प्लान (The Conspiracy Plan)

यादव के खिलाफ आरोपों में कहा गया है कि उन्होंने गुप्ता को पन्नू की हत्या करने के लिए प्रेरित किया। गुप्ता ने एक हिटमैन (Hitman) को काम पर रखा, जो वास्तव में एक गुप्त पुलिस अधिकारी था। यह योजना मई 2023 में शुरू हुई थी और गुप्ता ने इस मामले में कई बार यादव से संपर्क किया।

गुप्ता को यह निर्देश दिया गया था कि हत्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अमेरिकी यात्रा के दौरान या उसके आस-पास नहीं होना चाहिए, ताकि यह मामला और जटिल न हो जाए।

पन्नू की स्थिति (Pannun’s Position)

गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो कि एक प्रमुख खालिस्तानी नेता हैं, ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यादव एक “मध्यम स्तर का सैनिक” है, जिसे भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें मारने का निर्देश दिया गया था। पन्नू ने इस बात पर जोर दिया है कि उनकी हत्या की साजिश उनके खालिस्तान आंदोलन को कमजोर करने के लिए की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ (International Context)

यह मामला केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है। अमेरिका और भारत दोनों ही चीन को अपना मुख्य प्रतिकूल मानते हैं, लेकिन इस मामले ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है।

इस बीच, कनाडा के साथ भी भारत के संबंधों में तनाव बढ़ रहा है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने आरोप लगाया है कि भारतीय सरकार ने कनाडाई धरती पर एक भारतीय नागरिक की हत्या की साजिश रची थी।

निष्कर्ष (Conclusion)

विकास यादव का मामला न केवल भारत और अमेरिका के बीच के रिश्तों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह खालिस्तान आंदोलन और भारतीय राजनीति के एक जटिल परिदृश्य को भी उजागर करता है। इस मामले की जांच और इसके परिणामों का गहरा प्रभाव होगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में क्या होता है।

यादव के खिलाफ आरोप, अमेरिका की न्याय व्यवस्था के प्रति गंभीरता को दर्शाते हैं और यह साबित करते हैं कि अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों के खिलाफ होने वाली किसी भी प्रकार की साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगी।


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